बिना गलती की सजा शायरी ! Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi ! 2023 धीरे धीरे वो हमें अपनी जिंदगी से हटाते रहे, बताकर मजबूरियां हमे वो अपना दिल कहीं और लगाते रहे।
मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें अधूरी रही, एक मै तुझे बता नही पाया, और दूसरी तुम समझ नही पाये..
जवाब लेने चले थे, सवाल ही भूल गए! अजीब है ये इश्क भी, अपना हाल भी भूल गए!!
कुछ ना बचा मेरे इन, दो खाली हाथों में, एक हाथ से किस्मत रूठ गई, तो दूसरे हाथ से मोहब्बत छूट गई।
कुछ गम…कुछ ठोकरें… कुछ चीखें उधार देती है… कभी कभी जिंदगी… मौत आने से पहले ही मार देती है…
कुछ अजीब सा चल रहा है, ये वक्त का सफर… एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर…
इश्क़ खुदकुशी का धंधा है, “अपनी ही लाश अपना ही कंधा है”
लाख चाहूं कि तुझे याद ना करूं मगर, इरादा अपनी जगह, बेबसी अपनी जगह..!!
तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है तुम्हारी सो के गुजरती है हमारी रो के गुजरती है।
दो ही हमसफर मिले जिंदगी में, एक सबर… तो दूसरा इम्तिहान..!!
कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं, कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं।
ना जाने कोनसी शिकायतों का हम शिकार हो गए, जितना दिल साफ रखा उतना गुनहगार हो गए,
ना जिंदगी मिली ना वफा मिली, क्यों हर खुशी हमसे खफा मिली, झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे, सच्चे प्यार की हमे क्या सजा मिली.!
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।
हँसते बहुत हैं, मुस्कुराते कम हैं, रोते नही बस आँखें नम हैं, सवाल सी जिंदगी है, जवाब कोई नही, शोर तो बहुत है, पर उसकी आवाज कोई नही..!
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफ़ा का कसूर, जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।
अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई, इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई…
इस तरह से लोग रूठ गए मुझसे, जैसे मुझसा बुरा दुनिया में कोई और नही।
धीरे धीरे वो हमें अपनी जिंदगी से हटाते रहे, बताकर मजबूरियां हमे वो अपना दिल कहीं और लगाते रहे।
बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें सो जाऊं तो जगा देती हैं जग जाऊं तो रुला देती हैं।
तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है तुम्हारी सो के गुजरती है हमारी रो के गुजरती है।
दो ही हमसफर मिले जिंदगी में, एक सबर… तो दूसरा इम्तिहान..!!